RUDRAKSHA-SPHATIK (रुद्राक्ष-स्फटिक) BRACELET
- Rudraksha-Sphatik Bracelet is a powerful spiritual accessory combining the divine energies of sacred Rudraksha beads and pure Sphatik (crystal quartz). This duo brings a perfect balance of protection, purity, and peace.
- Rudraksha, associated with Lord Shiva, offers spiritual strength, shields against negativity, and supports emotional grounding.
Sphatik, linked to mental clarity and calmness, cools the mind, enhances focus, and purifies one’s aura. - Together, they balance body, mind, and soul, making this bracelet ideal for meditation, prayer, and spiritual growth.
- Wearing this bracelet daily helps reduce stress, supports chakra alignment, and attracts positivity, devotion, and divine energy into the wearer’s life.
- It is especially beneficial for those on a spiritual path, healing journey, or seeking both energy balance and sacred protection.
रुद्राक्ष-स्फटिक ब्रेसलेट
- रुद्राक्ष-स्फटिक ब्रेसलेट एक अत्यंत पावन और ऊर्जावान रत्न है, जो रुद्राक्ष की शक्ति और स्फटिक की शुद्धता का दिव्य संगम है। यह संयोजन सुरक्षा, मानसिक शांति और आत्मिक जागरूकता को संतुलित करता है।
- रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतीक है, जो पहनने वाले को नकारात्मक शक्तियों से बचाता है और आंतरिक शक्ति प्रदान करता है।
स्फटिक मन को शांत करता है, एकाग्रता बढ़ाता है और व्यक्ति की आभा को शुद्ध करता है। - इन दोनों का समन्वय शरीर, मन और आत्मा में संतुलन लाता है, जिससे यह ब्रेसलेट ध्यान, पूजा और साधना में अत्यंत प्रभावी होता है।
- इस ब्रेसलेट को धारण करने से तनाव कम होता है, चक्र संतुलन में सहायता मिलती है, और जीवन में भक्ति, सकारात्मकता और शिव शक्ति का प्रवेश होता है।
- यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो ध्यान, साधना या ऊर्जा चिकित्सा के मार्ग पर हैं।
मूल मंत्र
ॐ नमः शिवाय।
(या)
ॐ ह्रीं हौं नमः।
प्रमुख रत्न : पंचमुखी रुद्राक्ष एवं स्फटिक (Quartz Crystal)
धारण विधि : सोमवार या पूर्णिमा के दिन प्रातः स्नान कर सफेद वस्त्र पहनें। ब्रेसलेट को गंगाजल से शुद्ध करें, धूप दिखाएं, और उपरोक्त मंत्र का 11 बार जाप करते हुए धारण करें।
मंत्र :
ॐ नमः शिवाय।
श्लोक
स्फटिकं शुद्धरूपं च रुद्राक्षं शिवविग्रहम्।
यः धारयेत् सदा भक्त्या स शिवस्य प्रियं व्रजेत्।।
– रुद्राक्ष महात्म्य
इस श्लोक में कहा गया है कि जो भक्त स्फटिक और रुद्राक्ष से युक्त आभूषण को श्रद्धा से धारण करता है, वह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होता है।
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